
इस बार होली 14 फरवरी को है। लेकिन इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया पड़ा है। इस साल होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा रहने वाली है। इस वजह से लोगों को कोई भी शुभ काम करने से बचना चाहिए
पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 13 मार्च यानी गुरुवार को मनाया जाएगा। फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 13 मार्च यानी गुरूवार को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू होगी। यह तिथि 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट में खत्म होगी।
13 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त या फिर कहे कि होली पूजा का मुहूर्त 1 घंटा 4 मिनट रहने वाला है। होलिका दहन का मुहूर्त रात 11:26 PM से देर रात 12:30 बजे तक रहने वाला है।
कौन हैं भद्रा?
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य देव की धर्मपत्नी का नाम छाया है। सूर्य देव और छाया से दो संतानें हुईं। जिनका नाम एक शनि देव और दूसरी भद्रा है। शनि देव की बहन का नाम भद्रा हैं और भद्रा का रंग काला है। कहा जाता है कि भद्रा अपने बचपन से ही बहुत चंचल और शराररती स्वभाव की थीं। हमेशा से भद्रा मांगलिक कार्यों में बाधाएं डालती थीं। इससे लोग परेशान हो जाते थे।
ब्रह्मा जी ने कहा था कि तुम बव, बालव, कौलव आदि करणों के अंत में निवास करो। जो तुम्हारे समय में मांगलिक कार्य करें तो उसे परेशान कर सकती हो। भद्रा ने ब्रह्माजी की बात का सम्मान करते हुए बात मान ली। तभी कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य करता है, उसके काम में विघ्न और बाधाएं आ जाती हैं