
आज कल के दौर में मोबाइल चलना अब आदत है। अगर आप मोबाइल को नहीं देखते हैं तो ऐसा लगता है आपने कुछ देखा ही नहीं है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मोबाइल चलाने से लोगों को क्या कैंसर होता है? इससे जुड़े कई सामग्रियां इंटरनेट पर हैं, लेकिन किसी में भी पक्की जानकारी नहीं दी गई है। इसे लेकर कई बार शोध भी किए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक शोध में यह बात साबित नहीं हुई है कि मोबाइल से कैंसर हो सकता है।
इस पर फोर्टिस अस्पताल के मोहित अग्रवाल और सीके बिरला अस्पताल के डॉ. नितिन ने अपनी बात रखी है। दोनों डॉक्टरों ने इस बात को तुरंत नकार दिया कि मोबाइल चलाने से किसी भी प्रकार का कैंसर हो सकता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि ये जरूर हो सकता है कि मोबाइल चलाने से स्वास्थ्य संबंधित दूसरी दिक्कत हो सकती है।
डॉ. नितिन का कहना है कि कई तरह से दावा किया गया है कि मोबाइल से कैंसर हो सकता है। इस पर कई बार शोध भी किए गए हैं, लेकिन अभी तक किसी भी शोध में इस तरह की सच्चाई सामने नहीं आई है कि जिससे ये पता चले कि मोबाइल से किसी भी प्रकार का कैंसर हो सकता है।
चलिए आपको बताते हैं कि ये मुद्दा क्यों उठा? कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि मोबाइल और वाई फाई डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी से किरणें जो निकलती है वो इंसान के शरीर में कैंसर सेल्स बना सकते हैं। डॉ. नितिन का कहना है कि अभी तक किसी भी शोध में इस बात के सबूत सामने नहीं आए हैं।