देश में जीबीएस सिंड्रोम चपेट में कई लोग आ गए हैं। ऐसे में लोगों में सवाल उठ रहा है कि यह बीमारी क्या है? ये बीमारी कैसे फैलता है? इसका पहला लक्षण क्या है? इस बीमारी में क्या करना चाहिए। इन्ही सभी सवालों को जवाब फोर्टिस अस्पताल के डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने दी है।
डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि जीबीएस का पूरा नाम ‘गिलियन-बैरे सिंड्रोम’ है। यह बीमारी सबसे पहले हमारे हाथों और पैरों को प्रभावित करता है। नसों पर इसका प्रभाव दिखता है और हमारा चलना फिरना मुश्किल कर देता है। एक तरह से यह लोगों की नसों की बीमारी है, जिसे नीरपैथी कहते हैं। सामान्य भाषा में कहे तो इसके लक्षण हाथों, पैरों मे कमजोरी है।
डॉ. प्रसाद का कहना है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी की वजह से कभी कभी व्यक्ति पैरालाइज भी हो जाता है। व्यक्ति का बोलना मुश्किल हो जाता है। खाना पीना, सांस लेना सब मुश्किल कर देता है। ऐसी स्थिति में मरीज को वेंटिलेटर पर रखना पड़ता है।
डॉक्टर का कहना है कि शुरुआती लक्षण दिखने के बाद मरीज को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर ऐसा व्यक्ति जिसे एक हफ्ते पहले बुखार या डायरिया हुआ है, तो ऐसे में उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि ये बीमारी किसी भी उम्र मे हो सकती है।
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