Friday, March 14

कम उम्र के युवाओं के भी हाथ क्यों कांपते हैं? क्या कोई बीमारी का संकेत

पहले बुजुर्गों में जब हाथ-पैर कांपते थे तो लोग आराम से कह देते थे कि ऐसा बढ़ती उम्र की वजह से हो रहा है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है,  ऐसे में लोगों के मन कई सवाल उठ रहे हैं। कम उम्र के किसी युवा का शरीर कैसे कांप सकता है? आखिर युवा को कौन सी बीमारी है? इस बीमारी से कैसे छुटकारा पाएं? इन्हीं सवालों को लेकर फोर्टिस अस्पताल के डॉ. ध्रुव ने जानकारी दी।

डॉ. जुत्शी का कहना है कि आमतौर पर बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या एसेंशियल ट्रेमर की वजह से  होता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ काफी देर तक स्थिर होता है। यह अक्सर शारीरिक कार्यशाली पर आधारित होता है, लेकिन कई बार जेनेटिक भी हो सकता है। कई बार जब परिवार में किसी सदस्य को इस तरह की समस्या होती है, तो युवावस्था में भी इस तरह की समस्या देखने मिलता है। ऐसे लोगों में हाथ-पैरों में कंपन चीजें पकड़ने या काम करने के दौरान होती हैं।

डॉक्टर का कहना है कि एक जेनेटिक कंडिशन होती है, जिसे स्पाइनल सेरेबेलर एटैक्सिया कहा जाता है। इसमें भी युवा अवस्था में ही हाथों और पैरों में कंपन की समस्या दिख जाती है। ऐसी स्थिति में जब आगे चलकर यह बीमारी बढ़ती है तो उन्हें अपना संतुलन स्थापित करने में भी दिक्कत होती है।

इसके अलावा हायपरथायरॉइडिज्म की स्थिति में भी युवाओं में कंपन देखने को मिलती है। अगर हमारे शरीर में काफी मात्रा में थायरॉइड बनना शुरू हो जाए, तब भी कंपन की समस्या पैदा हो सकती है। अगर इस तरह की स्थिति किसी युवा व्यक्ति में देखने को मिल रही है, तो उन्हें फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, नहीं तो आगे चलकर यह स्थिति गंभीर हो जाती है।

डॉ. जुत्शी बताते हैं कि कई बार अचानक नशा छोड़ने पर विथड्रॉअल सिंड्रोम भी दिखता है। इस स्थिति में भी उनके शरीर में कंपन की समस्या देखने को मिलती है। लेकिन, यह कंपन उन लोगों से काफी अलग होती है, जो नशा नहीं कर रहे होते हैं। इन मरीजों में काफी ज्यादा एंग्जाइटी होती है। ऐसी स्थिति में अगर व्यक्ति खुद को नशे से दूर रखें, तो उसमें इस तरह की समस्या नहीं मिलेगी और उसके कंपन की समस्या खुद-ब-खुद दूर हो जाएगी।