देश में कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या में आर्श्चय रुप से बढ़ोतरी हुई है। पिछले 5 सालों में 22 प्रतिशत की वृध्दि से कर्ज लेने वाली महिलाओं की वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकांश अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं हैं।
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं ने उपभोग मांग को पूरा करने के लिया। इसके अलावा महिलाओं ने कारोबार के लिए कम कर्ज लिया है।
लोन लेने में इन राज्यों की महिलाएं सबसे आगे
नीति आयोग ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित उत्तरी और मध्य भारत की महिलाओं ने पिछले 5 सालों में ज्यादा कर्ज ली है। इन राज्यों की महिलाएं सबसे आगे हैं।
रिपोर्ट क्या कहती है?
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में कारोबार के लिए कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या कुल कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या की तुलना में केवल 3 फीसदी है। जबकि व्यक्तिगत वित्त उत्पादों जैसे पर्सनल लोन, कंज्यूमर ड्यूरेबल लोन, होम लोन के लिए 42 प्रतिशत और सोने के बदले कर्ज लेने वाली महिलाओं की संख्या 38 प्रतिशत थी।
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