Sunday, April 27

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Indian Kitchen: रसोई घर में मिलने वाला ये तेजपत्ता किसी खजाना से कम नहीं, जानें इसके फायदे
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Indian Kitchen: रसोई घर में मिलने वाला ये तेजपत्ता किसी खजाना से कम नहीं, जानें इसके फायदे

Indian Kitchen भारतीय रसोई घर किसी दवा खाने से कम नहीं है। आज हम बात करते हैं तेजपत्ता की। तेजपत्ता ना केवल एक महत्वपूर्ण मसाला है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह मसाला न केवल सब्जियों, पुलाव में स्वाद ही नहीं बढ़ता है। बल्कि अपने औषधीय गुणों से यह शारीरिक दिक्कतों को भी दूर करता है। आयुर्वेद के अनुसार, तेजपत्ता का काम एलर्जी से राहत देने का भी है। चाय में एक या दो तेज पत्ते डालकर पीने से एलर्जी की समस्या में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा तेजपत्ता तनाव को भी कम करता है। पाचन प्रक्रिया को भी सुधारता है। इतना ही नहीं यह घावों को भी जल्दी भरता है। क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल के गुण मौजूद हैं। तेजपत्ता में विटामिन ए, बी6 और सी जैसे पोषक तत्व मिलते हैं। जो शरीर की इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। इसके सेवन से इंसान के शरीर में रोग प्रतिकारक क्षमता...
Healthy Life: शहद और घी एक साथ खाया तो करेगा जहर काम, लेकिन ऐसे करेंगे उपयोग बनेगा अमृत
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Healthy Life: शहद और घी एक साथ खाया तो करेगा जहर काम, लेकिन ऐसे करेंगे उपयोग बनेगा अमृत

शहद (Honey) और घी (Ghee) को एक साथ खाना भारी पड़ सकता है। हमारी प्राचीन चिकित्सा पद्धति भी यही कहती है। ऐसा इसलिए शहद और घी मिलकर शरीर में टॉक्सिन्स पैदा करते हैं, जो सेहत पर खराब असर डालते हैं। शहद और घी के गुण जब सही मात्रा और सही परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जाएं, तो ये शरीर के लिए अमृत समान भी सकता है। शहद और घी दोनों ही अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर हैं, किन्तु जब इन्हें समान मात्रा में मिलाया जाता है, तो वे एक-दूसरे के गुणों को संतुलित करने के बजाय विपरीत प्रभाव पैदा कर सकते हैं। इन दोनों के मिलावट के बाद सेवन खाली पेट या अत्यधिक मात्रा में करने से पाचन तंत्र में गड़बड़ी, सुस्ती, वजन बढ़ना और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं। यदि शहद और घी का मिश्रण गर्म या उबलते दूध, चाय, मांस-मछली, मूली जैसी चीजों के साथ मिलाकर लिया जाता है, तो यह शरीर के लिए विषाक्त सिद्...
Google Search: कुंवारी लड़कियां का Google सर्च है चौंकाने वाला, जानकर उड़ जाएंगे होश
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Google Search: कुंवारी लड़कियां का Google सर्च है चौंकाने वाला, जानकर उड़ जाएंगे होश

आज के आधुनिक समय में Google मतलब भगवान। इस पर हर चीज की जानकारी मिल जाती है। छोटे बच्चे से लेकर बड़े आदमी भी Google पर अपनी जरूरत के हिसाब से सर्च करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि Google पर कुंवारी लड़कियां क्या सर्च करती है। आइए जानते हैं इसके बारे में इस रिपोर्ट में कुंवारी लड़कियों के गूगल में कई बातें सर्च करती हैं। 1. करियर से जुड़ी बातें होती हैं सर्च लड़कियां ज्यादातर अपने करियर से जुड़ी बातें खोज करती हैं। जैसे किस कॉलेज में दाखिला हो, आगे क्या करियर ऑप्शन चुने। 2. ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ी बातें करती हैं सर्च ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर ज्यादातर कपड़ों और नए कलेक्शन्स को खोजती है। इतना ही नहीं ऑफर या डिस्काउंट को लेकर भी सर्च ज्यादा करती है। 3. ब्यूटी से जुड़ी जानकारी लड़कियां देसी नुस्खे, गोरे बनने के तरीके, चेहरे को साफ और ग्लो रखने, घर पर वैक्सिंग कैसे क...
कम उम्र के युवाओं के भी हाथ क्यों कांपते हैं? क्या कोई बीमारी का संकेत
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कम उम्र के युवाओं के भी हाथ क्यों कांपते हैं? क्या कोई बीमारी का संकेत

पहले बुजुर्गों में जब हाथ-पैर कांपते थे तो लोग आराम से कह देते थे कि ऐसा बढ़ती उम्र की वजह से हो रहा है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है, ऐसे में लोगों के मन कई सवाल उठ रहे हैं। कम उम्र के किसी युवा का शरीर कैसे कांप सकता है? आखिर युवा को कौन सी बीमारी है? इस बीमारी से कैसे छुटकारा पाएं? इन्हीं सवालों को लेकर फोर्टिस अस्पताल के डॉ. ध्रुव ने जानकारी दी। डॉ. जुत्शी का कहना है कि आमतौर पर बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या एसेंशियल ट्रेमर की वजह से होता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ काफी देर तक स्थिर होता है। यह अक्सर शारीरिक कार्यशाली पर आधारित होता है, लेकिन कई बार जेनेटिक भी हो सकता है। कई बार जब परिवार में किसी सदस्य को इस तरह की समस्या होती है, तो युवावस्था में भी इस तरह की समस्या देखने मिलता है। ऐसे लोगों में हाथ-पैरों ...
क्या आप भी ऑफिस में करते हैं घंटों बैठकर काम, हो जाए सावधान, गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे
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क्या आप भी ऑफिस में करते हैं घंटों बैठकर काम, हो जाए सावधान, गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे

नौकरी पेशा और बैठकर काम करने वालों के लिए ये ध्यान देने वाली खबर है। अक्सर बैठकर काम करने वाले लोगों को कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो जाती है। लेकिन कई बार वो इन समस्याओं पर जागरुक नहीं होते है। जिसका परिणाम ये होता है कि उन्हें आगे चलकर काफी दिक्कत होती है। शुरुआती दौर में जब बैठकर काम करने वाले क‍िसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या होती है, तो वो इस मामले को नजरअंदाज कर देता है। अगर वो उसी समय ध्यान दें तो उसकी स्थिति गंभीर नहीं बनेगी। उधर, बैठकर काम करने वाले लोगों को कैसे समस्याओं का सामना करना पड़ता है? और वो कैसे इससे किस तरह से बच सकते हैं? इस बारे में सीके बिरला अस्पताल के डॉ. अंकुश गर्ग से खास बातचीत की। डॉ. गर्ग का कहना है कि आज की तारीख में बड़ी संख्या में लोग बैठकर काम करते हैं। वो घंटों कुर्सी पर बैठते हैं। ऐसा करने से उनके पीठ में दर्द शुरू हो...
सेहतमंद रहना है तो रात में करें हल्का भोजन, नहीं तो कई बीमारियों के होंगे चपेट में
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सेहतमंद रहना है तो रात में करें हल्का भोजन, नहीं तो कई बीमारियों के होंगे चपेट में

अगर आपको सेहतमंद रहना है तो रात को खाना कम करना पड़ेगा। देश में अधिकांश लोग देर रात से भोजन करते है, जो सेहत के लिए नुकसान है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि सुबह और दोपहर में अधिक खाना चाहिए और रात में हमेशा हल्का भोजन करना चाहिए। ऐसा अगर आप करते है तो सेहत के लिए बेहतर होगा। डॉक्टरों का कहना है कि इंसान के शरीर में दो ऐसे हार्मोन होते हैं जो आपकी भूख को बढ़ाते या नियंत्रित करते हैं। भूख और वजन बढ़ने के पीछे दो अहम हार्मोन का काम होता है। इनका नाम लेप्टिन (स्टार्वेशन हार्मोन) और घ्रेलिन (हंगर हार्मोन)। लेप्टिन मस्तिष्क को संकेत देता है कि अब शरीर को भोजन की आवश्कता पड़ रही है। वहीं घ्रेलिन हार्मोन भूख को बढ़ाने का करता है। खाना खाने से पहले घ्रेलिन का स्तर अधिक हो जाता है और खाने के बाद अक्सर कम हो जाता है। अगर आपको सुबह में भूख कम लगती है तो दोपहर का भोजन पोषण से भरपूर करना च...
जिस जीबीएस सिंड्रोम ने मचाया कहर उसके ये हैं लक्षण, हाथ और पैर होने लगे कमजोर तो हो जाए सावधान
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जिस जीबीएस सिंड्रोम ने मचाया कहर उसके ये हैं लक्षण, हाथ और पैर होने लगे कमजोर तो हो जाए सावधान

देश में जीबीएस सिंड्रोम चपेट में कई लोग आ गए हैं। ऐसे में लोगों में सवाल उठ रहा है कि यह बीमारी क्या है? ये बीमारी कैसे फैलता है? इसका पहला लक्षण क्या है? इस बीमारी में क्या करना चाहिए। इन्ही सभी सवालों को जवाब फोर्टिस अस्पताल के डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने दी है। डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि जीबीएस का पूरा नाम 'गिलियन-बैरे सिंड्रोम' है। यह बीमारी सबसे पहले हमारे हाथों और पैरों को प्रभावित करता है। नसों पर इसका प्रभाव दिखता है और हमारा चलना फिरना मुश्किल कर देता है। एक तरह से यह लोगों की नसों की बीमारी है, जिसे नीरपैथी कहते हैं। सामान्य भाषा में कहे तो इसके लक्षण हाथों, पैरों मे कमजोरी है। डॉ. प्रसाद का कहना है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी की वजह से कभी कभी व्यक्ति पैरालाइज भी हो जाता है। व्यक्ति का बोलना मुश्किल हो जाता है। खाना पीना, सांस लेना सब मुश्किल कर देता...