Tuesday, April 29

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इस पेड़ से बुखार, मलेरिया समेत कई बीमारियों का होता है इलाज, रामबाण की तरह करता है काम
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इस पेड़ से बुखार, मलेरिया समेत कई बीमारियों का होता है इलाज, रामबाण की तरह करता है काम

आयुर्वेद में कोई भी बीमारियों से चुटकियों में निपटा जा सकता है। इसके लिए कई ऐसे पेड़-पौधों का इस्तेमाल किया जाता है। आज बात करते हैं कि ऐसे ही एक पौधा की जिसका नाम ‘श्योनाक’ है। जिसका इस्तेमाल करने पर बुखार, मलेरिया और पेट संबंधी समस्याओं समेत कई अन्य बीमारियों में अद्भुत फायदा होता है। ‘श्योनाक’ का सेवन न केवल शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी लाभ मिलता है। इतना ही नहीं मानसिक शांति तक कई लाभ पहुंचता है। श्योनाक एक भारतीय औषधीय पेड़ को ओरोक्सिलम इंडिकम नाम से भी जाना जाता है। यह हिमालय के आसपास इलाकों पर पाया जाता है। इसके छाल, पत्तियां और फल से कई बीमारियों का इलाज होता है। जैसे कफ और वात को शांत करना। इसके अलावा शरीर को मजबूत करना। इतना ही नहीं बुखार, मलेरिया बुखार और पेट संबंधी समस्याओं में भी इसका उपयोग रामबाण की तरह होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसि...
कम उम्र के युवाओं के भी हाथ क्यों कांपते हैं? क्या कोई बीमारी का संकेत
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कम उम्र के युवाओं के भी हाथ क्यों कांपते हैं? क्या कोई बीमारी का संकेत

पहले बुजुर्गों में जब हाथ-पैर कांपते थे तो लोग आराम से कह देते थे कि ऐसा बढ़ती उम्र की वजह से हो रहा है। लेकिन, जब यही समस्या युवाओं में भी देखने को मिल रही है, ऐसे में लोगों के मन कई सवाल उठ रहे हैं। कम उम्र के किसी युवा का शरीर कैसे कांप सकता है? आखिर युवा को कौन सी बीमारी है? इस बीमारी से कैसे छुटकारा पाएं? इन्हीं सवालों को लेकर फोर्टिस अस्पताल के डॉ. ध्रुव ने जानकारी दी। डॉ. जुत्शी का कहना है कि आमतौर पर बुजुर्गों में हाथ-पैर कांपने की समस्या एसेंशियल ट्रेमर की वजह से होता है। ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब किसी बुजुर्ग का हाथ काफी देर तक स्थिर होता है। यह अक्सर शारीरिक कार्यशाली पर आधारित होता है, लेकिन कई बार जेनेटिक भी हो सकता है। कई बार जब परिवार में किसी सदस्य को इस तरह की समस्या होती है, तो युवावस्था में भी इस तरह की समस्या देखने मिलता है। ऐसे लोगों में हाथ-पैरों ...
जिस जीबीएस सिंड्रोम ने मचाया कहर उसके ये हैं लक्षण, हाथ और पैर होने लगे कमजोर तो हो जाए सावधान
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जिस जीबीएस सिंड्रोम ने मचाया कहर उसके ये हैं लक्षण, हाथ और पैर होने लगे कमजोर तो हो जाए सावधान

देश में जीबीएस सिंड्रोम चपेट में कई लोग आ गए हैं। ऐसे में लोगों में सवाल उठ रहा है कि यह बीमारी क्या है? ये बीमारी कैसे फैलता है? इसका पहला लक्षण क्या है? इस बीमारी में क्या करना चाहिए। इन्ही सभी सवालों को जवाब फोर्टिस अस्पताल के डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने दी है। डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि जीबीएस का पूरा नाम 'गिलियन-बैरे सिंड्रोम' है। यह बीमारी सबसे पहले हमारे हाथों और पैरों को प्रभावित करता है। नसों पर इसका प्रभाव दिखता है और हमारा चलना फिरना मुश्किल कर देता है। एक तरह से यह लोगों की नसों की बीमारी है, जिसे नीरपैथी कहते हैं। सामान्य भाषा में कहे तो इसके लक्षण हाथों, पैरों मे कमजोरी है। डॉ. प्रसाद का कहना है इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस बीमारी की वजह से कभी कभी व्यक्ति पैरालाइज भी हो जाता है। व्यक्ति का बोलना मुश्किल हो जाता है। खाना पीना, सांस लेना सब मुश्किल कर देता...